मौजूदा समय में जारी महामारी को देखते हुए खासतौर पर क्रिकेट के लिए समर्पित भारत के अग्रणी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म क्रिकोनेट ने आकांक्षी क्रिकेटरों के लिए लाइव, इंटरैक्टिव एवं व्यक्तिगत ऑनलाइन ई-कोचिंग शुरू की है। यह ई-कोचिंग 100 रुपए प्रति सत्र के शुरुआती किफायती मूल्य पर व्यक्ति को उसके डिवाइस पर पारंपरिक व्यक्तिगत प्रशिक्षण का अनुभव प्रदान कराती है। यह कोचिंग क्रिकोनेट ऐप पर दी जाती है, लेकिन इसमें नियमित कोचिंग के समान लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
क्रिकोनेट ने अपने प्लेटफॉर्म पर बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त अनुभवी कोचों सहित कई कोच रखे हैं जिसमें से कुछ कोच भारत के शीर्ष क्रिकेटरों को प्रशिक्षण देते हैं। आधिकारिक रूप से 2020 के मध्य में लांच इस प्लेटफॉर्म के पहले ही 75,000 से अधिक सब्सक्राइर्ब्स हैं। क्रिकोनेट की ई-कोचिंग लाइव, इंटरैक्टिव और ऑनलाइन है जिसका मतलब प्रत्येक विद्यार्थी को उसके पसंदीदा समय पर वन-ऑन-वन लाइव सत्र मिलता है। विद्यार्थी को अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक विद्यार्थी अपने लिए कई कक्षाएं बुक कर सकता है। यह ई-कोचिंग सत्र समूह में अभ्यास का पूरक है और प्रदर्शन शानदार करने में मदद करता है।
इस ऑनलाइन कोचिंग प्लेटफॉर्म से क्रिकेट का कौशल विकसित करने और तकनीकियां जैसे बैटिंग, बाउलिंग, हाथ और आंख के समन्वय, फील्डिंग और फुटवर्क टेक्निक्स आदि को मजबूत करने में मदद मिलती है। सेलेक्ट्रॉनिक इंडिया के चेयरमैन और क्रिकोनेट के संस्थापक वीर सागर ने कहा, क्रिकोनेट क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक प्लेटफॉर्म है और हमारा प्रयास व्यक्तिगत क्रिकेट कोचिंग को अधिक से अधिक क्रिकेट आकांक्षियों खासकर टियर 2 एवं टियर 3 शहरों के लोगों की पहुंच में लाना है। क्रिकोनेट की ई कोचिंग का लक्ष्य पारंपरिक अड़चनों को दूर करना, खर्च घटाना और छोटे शहरों, कस्बों एवं गांवों में अवसरों का सृजन करना है। यह प्लेटफॉर्म अच्छे कोचों को ऐसे समय में जब मौसम, दूरी और पहुंच की समस्या हो, उनकी क्षमता का उपयोग कर उनकी आय बढ़ाने का भी अवसर देता है। अधिक जानकारी हमारी वेबसाइट पर देखी जा सकती है या क्रिकेट प्रेमी गूगल स्टोर से क्रिकोनेट ऐप डाउनलोड कर सकते हैं और पांच मिनट से भी कम समय में एक निजी क्रिकेट ई कोचिंग सत्र के लिए अपना पहला सत्र बुक कर सकते हैं।
e-Coaching session is supplementary to group practice
The hybrid model will address the breaks caused by pandemics, natural causes or man-made disruptions, offering an effective and flexible alternative to students.
Do not press Back or Refresh the page
Kindly wait while we process your request